वाराणसी__गोदौलिया चौराहे पर पुलिस की गुंडागर्दी*
Dharmendra Gupta machwa
29 अगस्त टाइम 10:30
पीटने से टैम्पो चालक का कान का पर्दा फटा, लहूलुहान*
*शुक्रवार 18 May की रात अपने परिवार के साथ जा रहा था अपने घर*
-रात में नो एंट्री न होने पर भी रोक कर पुलिस ने मारपीट कर किया लहूलुहान कर दिया!
पुलिस की गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है और ऐसे में तो इनका पारा और आसमान में चढ जाता है जब आप इनसे बहस करने की गुस्ताखी कर बैठते हैं। कुछ ऐसे ही शुक्रवार की रात में दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के गदौलिया चौराहे एक टैम्पों चालक वाकया हुआ। रात में नो एंट्री नहीं होने के बावजूद पिकेट डयूटी पर मौजूद सिपाही ने टैम्पों चालक अनिल कुमार को रोक दिया, अरविन्द के यह कहने पर वह अपने परिवार के साथ गदौलिया स्थित अपने घर जा रहा है और इस समय तो नो एंट्री भी नहीं है साहब। बस फिर क्या था गोद में अपनी प्यारी बिटिया को लेकर चला रहा अरविन्द को टैम्पों से उतार कर कान पर चार-पांच चाटा इतना जोर से मारा कि कान का पर्दा फट गया और वह लहूलुहान हो गया
*जबकि अनिल कुमार का कहना है कि पहले सिपाही ने राइफल की मुठिया से मारा* जिससे उसका कान का पर्दा फट गया ! घटना के बाद मौके से फरार हो गया ! आधा घंटा के बाद पहुचे सर्कल प्रभारी राघवेंद्र त्रिपाठी ने जांच की बात कर चलते बने !
स्थानीय लोगों को कहना है कि यह इस क्षेत्र में आम बात है ! अगर किसी ने भी इन पिकेट डयूटी वालों से जवाब-तलब किया तो उसका खैर नहीं है। आये दिन पुलिस वालों की गुंडागर्दी देखने को मिलती है। कुछ ऐसा ही हिमाकत सोनारपुरा निवासी अनिल कुमार ने शुक्रवार की रात कर दिया !उसके इतना कहने पर कि साहब रात में तो नो एंट्री नहीं रहती है और वह कोई सवारी नहीं अपने परिवार को अपने घर ले जा रहा है ! शायद यही उसकी गुस्ताखी रही कि उसने वाराणसी के सिपाही के साथ जवान लडाने की गुस्ताखी कर दी! फिर क्या था उसकी पत्नी व बेटी के सामने ही पुलिस ने उसको इतना मारा कि उसका कान का पर्दा फट गया और कान से हलाहल खून बहने लगा! प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अनिल को सिपाही ने इस कदर पीटा की उनके कान से रक्त स्राव होने लगा ! इस दौरान उनकी बच्ची उनके गोद में थी
अनिल की जमकर पीठ पूजा हुई, अचानक हुए हमले से वह बदहवासी की हालत में जमीन पर गिर पड़ा ! जहाँ एक तरफ कप्तान साहब जनता से नजदीकी व बच्चों को लिये नया प्रयोग कर रहे है वहि इनकी बेलगाम पुलिस का यह हाल ! *बच्ची यह सब देख आश्चर्य में थी कि ऐसे होते है पुलिस अंकल* आनन फानन में अनिल को शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया! अब देखना है कि पुलिस प्रशासन इस अपने जवान के साथ क्या करती है या जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जायेगा यह प्रकरण !!
Dharmendra Gupta machwa
29 अगस्त टाइम 10:30
पीटने से टैम्पो चालक का कान का पर्दा फटा, लहूलुहान*
*शुक्रवार 18 May की रात अपने परिवार के साथ जा रहा था अपने घर*
-रात में नो एंट्री न होने पर भी रोक कर पुलिस ने मारपीट कर किया लहूलुहान कर दिया!
पुलिस की गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है और ऐसे में तो इनका पारा और आसमान में चढ जाता है जब आप इनसे बहस करने की गुस्ताखी कर बैठते हैं। कुछ ऐसे ही शुक्रवार की रात में दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के गदौलिया चौराहे एक टैम्पों चालक वाकया हुआ। रात में नो एंट्री नहीं होने के बावजूद पिकेट डयूटी पर मौजूद सिपाही ने टैम्पों चालक अनिल कुमार को रोक दिया, अरविन्द के यह कहने पर वह अपने परिवार के साथ गदौलिया स्थित अपने घर जा रहा है और इस समय तो नो एंट्री भी नहीं है साहब। बस फिर क्या था गोद में अपनी प्यारी बिटिया को लेकर चला रहा अरविन्द को टैम्पों से उतार कर कान पर चार-पांच चाटा इतना जोर से मारा कि कान का पर्दा फट गया और वह लहूलुहान हो गया
*जबकि अनिल कुमार का कहना है कि पहले सिपाही ने राइफल की मुठिया से मारा* जिससे उसका कान का पर्दा फट गया ! घटना के बाद मौके से फरार हो गया ! आधा घंटा के बाद पहुचे सर्कल प्रभारी राघवेंद्र त्रिपाठी ने जांच की बात कर चलते बने !
स्थानीय लोगों को कहना है कि यह इस क्षेत्र में आम बात है ! अगर किसी ने भी इन पिकेट डयूटी वालों से जवाब-तलब किया तो उसका खैर नहीं है। आये दिन पुलिस वालों की गुंडागर्दी देखने को मिलती है। कुछ ऐसा ही हिमाकत सोनारपुरा निवासी अनिल कुमार ने शुक्रवार की रात कर दिया !उसके इतना कहने पर कि साहब रात में तो नो एंट्री नहीं रहती है और वह कोई सवारी नहीं अपने परिवार को अपने घर ले जा रहा है ! शायद यही उसकी गुस्ताखी रही कि उसने वाराणसी के सिपाही के साथ जवान लडाने की गुस्ताखी कर दी! फिर क्या था उसकी पत्नी व बेटी के सामने ही पुलिस ने उसको इतना मारा कि उसका कान का पर्दा फट गया और कान से हलाहल खून बहने लगा! प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अनिल को सिपाही ने इस कदर पीटा की उनके कान से रक्त स्राव होने लगा ! इस दौरान उनकी बच्ची उनके गोद में थी
अनिल की जमकर पीठ पूजा हुई, अचानक हुए हमले से वह बदहवासी की हालत में जमीन पर गिर पड़ा ! जहाँ एक तरफ कप्तान साहब जनता से नजदीकी व बच्चों को लिये नया प्रयोग कर रहे है वहि इनकी बेलगाम पुलिस का यह हाल ! *बच्ची यह सब देख आश्चर्य में थी कि ऐसे होते है पुलिस अंकल* आनन फानन में अनिल को शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया! अब देखना है कि पुलिस प्रशासन इस अपने जवान के साथ क्या करती है या जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जायेगा यह प्रकरण !!
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